चिंतन:मन की संभाल…
राधे - राधे
आज का भगवद् चिन्तन
मन की संभाल
मन और धन को मुट्ठी में बंद करके रखना कठिन है। चित्त और वित्त की स्थिति लगभग सदैव एक जैसी ही है। लक्ष्मी जी का एक नाम चंचला भी है। यह नारायण के चरणों के सिवा अन्य जगह किसी भी एक स्थान पर कभी स्थिर रह ही नहीं पाती है। मानव मन का एक स्वभाव यह भी है कि वो वहीं ज्यादा जाता है जहाँ जाने से उसे रोका जाये। जहाँ से हटाना चाहोगे यह मन उसी तरफ भागेगा।
ठीक ऐसे ही जीवन में धन की प्रधानता आती है तो शांति भी बाहर की ओर भागने लगती है। चित्त और वित्त दोनों चंचल हैं, दोनों जायेंगे…