चिंतन:जीवन की अज्ञान और तमस भरी काल रात्रि में माँ की ज्ञान रुपी ज्योति सत्मार्ग की ओर प्रेरित करती है…
राधे – राधे
आज का भगवद् चिन्तन
सप्तम नवरात्रि की मंगल बधाई
जीवन की अज्ञान और तमस भरी काल रात्रि में माँ की ज्ञान रुपी पावन ज्योति सत्मार्ग की ओर प्रेरित करती है। नवरात्रि का सप्तम दिवस माँ काली को समर्पित होता है इसलिए ही इस दिन को कालरात्रि के नाम से भी जाना जाता है।
समाज, राष्ट्र, धर्म और संस्कृति पर जब घोर अत्याचार होने लगा व राजसत्ता असहाय हो गई तब अम्बे-जगदम्बे से माँ को काली बनना पड़ा। जब आसुरी शक्तियाँ हावी हो गई तब माँ ने परिस्थिति अनुसार स्वयं शस्त्र धारण कर आसुरी शक्तियों का न केवल नाश किया अपितु नारी के भीतर छिपी हुई शक्तियों से समाज को परिचित भी कराया।
अन्याय, अत्याचार, सामाजिक कुरीतियों व विषमताओं से लड़ने में नारी शक्ति के जागरण की बहुत बड़ी आवश्यकता है। अभिमन्यु तभी मरता है जब कोई सुभद्रा सो जाती है। एक नवीन भारत के निर्माण में नारी शक्ति की बड़ी भूमिका है। समष्टि के मंगल हेतु ममतामय रूप से काली बने माँ के स्वरूप को कोटि-कोटि प्रणाम।
गौभक्त श्री संजीव कृष्ण ठाकुर जी
श्रीधाम वृन्दावन
सूचना :- यह खबर Admin Team AB Live News , के द्वारा अपडेट की गई है। इस खबर की सम्पूर्ण जिम्मेदारी Admin Team AB Live News की होगी। www.ablivenews.com या संपादक मंडल की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी।